Unknown

हजरत उसमान (रजी अल्लाहु अन्हु) की शहादत 【Part :04】


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👉🏻ईस पोस्ट को समझने के लिए  हिकायत (111) को पढ़ ले।
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♥हजरत अब्दुल्लाह बिन सलाम (रजी अल्लाहु अन्हु) इस मौके पर आये। और फरमाया जालीमो! खबरदार उसमान  का खुन न करो। देखो अल्लाह तआला एक उसमान के बदले 80 हजार को कत्ल करेगा।इस वक्त मदीना मुनव्वरा की हिफाजत फरिश्ते करते है। जिस वक्त तुम उसमान को कत्ल करोगे फरिश्ते चले जायेंगे। एक जालीम बोला : ओ यहुदी बच्चे! तु क्या जाने? जा अपना काम कर। हजरत उसमान ने फरमाया तुम सब्र करो।



*इतने मे एक शख्स आया और कहने लगा : ओ उसमान! तु किस दिन पर है??
☆आपने फरमाया : मै दिने मुहम्मदी पर हुं।
उसने बड़े जोर से आपका गला घोंटा फिर एक जालीम आपके पास आया और आपके चेहरे पर तमांचा मारा। तलवार आपकी जानीब उठाइ। आपने हाथ से तलवार को रोका। हाथ कट गया।
फरमाया यह वह हाथ था जो वह् य लिखा करता था आज यह राहे मौला मे कटा है। यह वह हाथ जिसने सय्यदुल मुरसलीन के हाथ पर बैअत की। जिस दिन से यह हाथ नबी के हाथ से मिला था। किसी गंदी चिज को इस हाथ ने नही छुआ था। लोगो इस हाथ को अच्छी तरह दफन करना।

*उस जलीम ने कहा:- लो बुलाओ अपने मददगार को।
☆फरमाया :- मेरा जो मददगार है मेरे पास है।
*फिर एक और जालीम आया उसने तीन जख्म आपके माथे पर और तीन छाती पर बरछी की नोक से किये। उस वक्त जो कुरआन शरिफ सामने रखा था और उसे आप पढ़ रहे थे उस पर पहला कतरा आपके खुन का जो पड़ा वह उसी आयत पर पड़ा (ऐ उसमान तेरा बदला लेने को तेरा अल्लाह काफी है।) आप कलीमा पढ़ते हुए जामीन पर गिर पड़े। उस जालीम ने आपकी पसलियों पर कुदना शुरु किया। आपकी तीन पसलियां टुट गयी।
"इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजीऊन"
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*जालिमो ने आपकी बिवीयों का जेवर उतारा और घर का सब समान लुट लिया।
{तारिखुल खुलफा, सफा-112, सिरतुस सालिहीन, सफा-101,}
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√ Post Written By :-
#(मोहम्मद अरमान गौस अंसारी)