Unknown

★★★★"गुस्ताखे रसूल की सज़ा"★★★★

★★★★"गुस्ताखे रसूल की सज़ा"★★★★
------------------------------------------------------------

●हज़रत अल्लामा क़ाज़ी अयाज़ रहमतुल्लाह अलैहि ने फ़रमाया है की इस बात पर तमाम औलमा ए उम्मत का इज्मा है की हुज़ूर सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम को
»गाली देने वाला ,
»या उन की ज़ात,
»या उन के खानदान,
»उन के दीन,
»उन की किसी खसलत में नुक्स बताने वाला
»या उन की तरफ इशारा कनाया करने वाला,
»या आप को ऐब लगाने वाला,
»या आपकी शान को छोटी बताने वाला
बादशाह इस्लाम के हुक्म से कत्ल कर दिया जयेगा।

और,



●हुज़ूर सल्लल्लाहु अलेह वसल्लम के अहले  बेत और आप की अज्वाज़े मूतह्हरात और आप के असहाब को गाली देना,
या उनकी शान में तन्कीस करना हराम है और ऐसा
करने वाला मलऊन है।
(शिफ़ा शरीफ ज2)

और,

●मुहम्मद बिन सुहनुन् रहमतुल्लाह अलैहि ने
फ़रमाया की नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की शान में बद ज़बानी करने वाला और आप की तन्किस करने वाला काफिर है और उस के कुफ़्र और अज़ाब में शक करे वो भी काफिर है और तोहीन रिसालत करने वाले की दुनिया में ये सजा है की वो क़त्ल कर दिया जाएगा।
»»(शिफ़ा शरीफ ज2)

✩✩अब देखिये वहाबी देवबंदियों ने कोनसी
गुस्ताखियां की है हमारे नबी की शान मे
----------------------------

✩उलेमा ए देओबन्द की वो कोंसी गुस्ताखी थी जिसकी वजह से उनपर 33 उलेमा ए हरमैन ने कुफ्र का फतवा दिया निचे पढ़े

✩वो कुफ्रिया अक़ीदे जिसकी बिना पर इन चारो उलेमा ए देओबन्द और इनके कुफ्र पर शक करने वालो पर कुफ्र का फतवा दिया गया था नीचे देखेइ :

■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■

1) रशीद अहमद गंगोही ने अपनी फ्तावाए रशिदिया में लिखा के

अल्लाह तआला झूट बोल सकता है
( फतावाए रशिदिया पार्ट 1 पेज 20)
( मआज़ अल्लाह )

■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■

2) अशरफ अली थानवी ने अपनी
किताब हिफ्जुल इमान में लिखा के

" नबी ए करीम का इल्म ऐसा है जैसा बच्चो पागलो और जानवरों को भी होता है l
( हिफ्जुल ईमान सफा 8 )
( मआज़ अल्लाह )

■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■

3) कासिम नानोत्वी ने अपनी किताब तःज़िरुन्नस में लिखा के
अगर मोहम्मद सललल्लाहो अलैयही
वसल्लम के बाद भी अगर कोही नबी
आ जाये तो खात्मे नबूवत पर कोही
फर्क नहीं पड़ेंगा
( तःज्हिरुन्नस सफा 24 )
( मआज़ अल्लाह )

■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■

4) खलील अहमद आम्बेथ्वी अपनी
किताब बारहिने ए कतीय में लिखा के

नबी सललल्लाहो अलैयहि वसल्लम
से जयादा इल्म शैतान को है
( बारहिने कातया पेज 51-52 )
(मआज़ अल्लाह )

■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■

इन गुस्ताखियो की वजह से उलेमा ए हरमैन ने सन 1903 में ये फतवा दिया के यह चारो गुस्ताख काफ़िर है और इनके कुफ्र पर शक करने वाला भी काफ़िर है।

□□□□□□□□□□ नोट □□□□□□□□□

वहाबिओ
देओबन्दिओ
अहले हदीस
क़दियानियो
तबलीगी
से हमारा सिर्फ नियाज़ फातिया दरगाह सलाम का इख्तिलाफ नहीं बलके इनकी सबसे बढ़ी खबासत यह है की ये बद अकीदा गुस्ताक है

(सुन्नियो इनसे बचो और
अपने ईमान की हिफाज़त करो  )

_______________________________________