Namaz Ka Bayan Part~6
نــمــاز کـا بــیــان
حــصــّہ 6 ســے 62
5 ) نــمــاز کـا پــانــچــواں فــرضــں:-ســجــدہ۔
حــضــورﷺ فــرمــاتــے ہــے مــجھــے حــکــم ہــوا کــے 7 ہــڈیــوں پــر ســجــدہ کــروں۔
1 ) پــیــشــانــی
2 - 3۔ دونــوں ہــاتھ
4 ۔ 5 دونــوں گــٹھــنــے
6 - 7 دونــوں پــیــروں کــے پــنــجــے اور حــکــم ہــوا کــے کــپــڑے اور بــال نــا ســمــيــتــوں ہــر رکــعــت مــیــں دو بــار ســجــدہ فــرضــں ہــے ســجــدے مــیــں پــیــشــانــی جــمــنــا ضــروری ہــے اور جــمــنــے کــا مــطــلــب ھــیــکــہ زمــیــن کــی ســخــتــی کــو مــحــســوس کــرے اگــر اســں طــرح نــا جــمــی تــو ســجــدہ نــہــیــں ہــوگـا۔ کــســی نــرم چــیــز جــیــســے گــاردن کــی گِــرنــاری ہــریــالــی روئــى كــالــیــں یــا کــارپــیــٹ وغــیــرہ پــر ســجــدہ کــیــا اور پــیــشــانــی جــم گـئــی مـطــلــب اتــنــی دب گــئــی کــے اب دبــانــے ســے نــا دبــے تــو ســجــدہ ہــو جــائــے گـا ۔ ورنــہ ســجــدہ نــا ہــوگـا۔ آج کــل کـارپــیــٹ عــام ہــوگــیــا ہــے تــو اوپــر بــتــائــے گــئــے مــعــیــار کــو یــاد رکھــے اگــر ایــســا کــارپــیــٹ ہــو کــے پــیــشـانــی نــہــیــں جــمــی تــو ســجــدہ نــہــیــں ہــوگا اور ســجــدہ نــہــیــں ہــوگا تــو نــمــاز ہــی نــا ہــوگــی۔ ایــســی چــیــز جــســں پــر پــیــشــانــی نــا جــمــے نــاک کــی ســخــت ہــڈی نــہــیــں دبــی تــو نــمــاز مــکــروہ تــحــرمــی ہــوگــی۔ واجــب ادا نــا ہــوگا مـطــلــب نــمــاز پہــر ســے پــڑھــنــی ہــوگــی۔
(بــہـــار شــریــعــت حــصــّہ 03 )
6 )نــمــاز کـا چھــٹــا فــرضــں قــائـــده آخــیــره رکــعــتــیــں پــوری کــرنــے کــے بــعــد اتــنــی دیــر بــیــٹھــا کــے پــوری تــشـحـهــد یــعــنــی آتــتــحــیــات پــڑھــنـا یــہ فــرضــں ہــے اســے قــائــــده آخــیــرہ کــہــتــے ہــے۔ 4 رکــعــت والــے فــرضــں مــیــں چھــوٹـی رکــعــت کــے بــعــد قــائــــده نــہــیــں کــیــا تــو جــب تــک پــانــچــوی رکــعــت کـا ســجــدہ نــہــیــں کــیــا تــو بــیــٹھ جــائــے اور اگــر پــانــچــوی کـا ســجــدہ کــرلــیــا یــا فــجــر کــی نــمــاز کــی نــمــاز مــیــں دوســری پــر نــہــیــں بــیــٹھــا تــیــســری کــا ســجــدہ کــرلــیــا تــو ان ســب حــالــت مــیــں فــرضــں بــاطــل ہــوگــئــا یــعــنــی پہــر پــڑھــے اور اگــر قــائــــده آخــیــرہ مــیــں اتــنــی دیــر بــیــٹھــا تھــا کــہ پــوری آتـّـحــیــات پــڑھ لــی تھــی تــو ایــســی صــورت مــیــں ایــک رکــعــت اور مــلا کــر 2 رکــعـت والــی کــو 4 رکــعــت اور 4 والــی رکــعــت ہـے تــو 6 رکــعــت کــر لــے اور ســجــدہ ســہــوہ کــر لــے فــرضــں ہــو جــایــنــگـا اور زائــيــد رکــعــت نــفــل ہــو جــائــے گــی مــغــرب کــی نــمــاز مــیــں بھــول کــر 4 کــے لــیــے کھــڑا ہــوگــیــا اور ســجــدہ بھــی کــرلــیــا تــو اســں صــورت نــمــاز بــاطــل ہــوگــی اور پہــر سـے پــڑھــے
مـــســلــکِ اعــلٰــی حــضــرت ســلامــت رہــیــں
ایــک پــہــچــان دیــن نــبــیﷺ کــے لــیــے.
جــمــاعــتِ رضــائــے مــصــطــفــے
नमाज़ का बयान
भाग : 06 से 62
5 - नमाज़ का पंचवा फर्ज़ सज्दा.
हुज़ूर ﷺ फरमाते है मुझे हुकुम हुवा के 7 हड्डीयो पर सज्दा करो
1 - पेशानी
2 - 3 - दोनो हाथ
4 - 5 - दोनो घुटने
6 - 7 - दोनो पैरो के पंजे
और ये हुकुम हुवा के कपड़े और बाल ना समेठो हर रकाअत में 2 बार सज्दा फर्ज़ है सज्दे में पेशानी जमाना ज़रूरी है और जमाने का मतलब ये है के ज़मीन की सख्ती को मेहसूस करे. अगर इस तराह ना जमी तो सज्दा नही होगा. किसी नरम चीज़ जैसे गार्डन की ग्रीनरी , हरयाली , रुइ , क़ालिन , या कार्पेट वगैरा पर सज्दा किया और पेशानी जम गयी मतलब इतनी दबी के अब दबाने से ना दबे तो सज्दा हो जयेगा वरना सज्दा ना होगा. आज कल कार्पेट आम हो गया तो ऊपर बताये गये मीआर को याद रखे अगर ऐसा कार्पेट हो के पेशानी नही जमे तो सज्दा नही होगा और सज्दा नही होगा तो नमाज़ ही ना होगी. ऐसी चीज़ जिस पर पेशानी ना जमे नाक की सख्त हड्डी नही दबी तो नमाज़ मकरूह-ए-तेहरीमी होगी. और
नमाज़ वजिब-उल-ईअदा होगी मतलब नमाज़ फिर से पढ़नी होगी.
( बहारे-ए-शरिअत हिस्सा 03 )
6 - नमाज़ का चट्टा फर्ज़ क़ाईदा-ए-अखिरा रकाअत पूरी करने के बाद इतनी ढेर बैठना के पूरी तशाहुड़ यानी अत्त्हियात पढ़ना ये फर्ज़ है . इसहे क़ाईदा-ए-अखिरा केह्ते है. 4 रकाअत वाले फर्ज़ में चौथी रकाअत के बाद क़ाईदा नही किया तो जब तक पंच्वी रकाअत का सज्दा नही किया हो तो बैठा जाये और अगर पंच्वी का सज्दा कर लिया या फज्र की नमाज़ में दूसरी पर नही बैठा तीसरी का सज्दा कर लिया तो इन सब में फर्ज़ बातिल हो गयी यानी फिर से पढ़े और अगर क़ाईदा-ए-अखिरा में इतनी ढेर बैठना था के पूरी अत्त्हियात पढ़ ली या अत्त्हियात पढ़ ली थी तो ऐसी सूरत में एक रकाअत और मिला कर 2 रकाअत वाली को 4 रकाअत और 4 रकाअत वाली है तो 6 रकाअत कर ले और सज्दा-ए-साहुव कर ले फर्ज़ अदा हो जयेगा और ज़ाईद रकाअते नफिल हो जयेगी. मगरीब की नमाज़ में भुल कर चौथी के लिये खड़ा हो गया और सज्दा भी कर लिया तो इस सूरत में नमाज़ बातिल हो गयी. फिर से पढ़े.
मस्लक-ए-आला हजरत सलामत रहे
एक पेह्चान दीन-ए-नबीﷺ के लिये
जमाअत रजा-ए-मुस्तफा
NAMAAZ KA BAYAN
PART : 06 OF 62
5 - NAMAAZ KA PAANCHWA FARZ SAJDE.
HUZOOR ﷺ FARMATE HAI MUJHE HUKM HUWA K 7 HADDIYO PAR SAJDA KARO
1 - PESHAANI
2 - 3 - DONO HAATH
4 - 5 - DONO GUTHA
6 - 7 - DONO PAIRO K PANJE
AUR YE HUKM HUWA K KAPDE AUR BAAL NA SAMETHO HAR RAKA'AT MEIN DO BAR SAJDA FARZ HAI SAJDE MEIN PESHANI JAMNA ZAROORI HAI AUR JAMNE KA MATLAB YE HAI K ZAMEEN KI SAKHTI KO MEHSOOS KARE. AGAR IS TARAH NA JAMI TOH SAJDA NAHI HOGA. KISI NARAM CHEEZ JAISE GAARDEN KI GREENARY , HARIYAALI , RU'EE , QAALIN , YA CARPET WAGERA PAR SAJDA KIYA AUR PESHANI JAM GAYI MATLAB ITNI DABI K AB DABANE SE NA DABE TOH SAJDA HO JAYEGA WARNA SAJDA NA HOGA. AAJ KAL CARPET AAM HO GAYA TOH UPAR BATAYE GAYE MEE'AAR KO YAAD RAKKHE AGAR AISA CARPET HO K PESHAANI NAHI JAME TOH SAJDA NAHI HOGA AUR SAJDA NAHI HOGA TOH NAMAAZ HE NA HOGI. AISI CHEEZ JISS PAR PESHAANI NA JAME NAAK KI SAKHT HADDI NAHI DABI TOH NAMAAZ MAKRUH-E-TAHRIMI HOGI.
WAAJIB-UL-EE'AADA HOGI MATLAB NAMAAZ PHIR SE PADHNI HOGI.
( BAHAR-E-SHARI'AT HISSA 03 )
6 - NAMAAZ KA CHATTHA FARZ QAA'EDA-E-AKHIRA RAKA'ATE POORI KARNE K BAAD ITNI DHER BAITHNA K POORI TASHAHHUD YAANI ATTHIYYAAT PADHNA YE FARZ HAI. ISHE QAA'EDA-E-AKHIRA KEHTE HAI. 4 RAKA'AT WALE FARZ MEIN CHOTHI RAKA'AT K BAAD QAA'EDA NAHI KIYA TOH JAB TAK PAANCHWI RAKA'AT KA SAJDA NAHI KIYA HO TOH BAITH JAYE AUR AGAR PANCHWI KA SAJDA KAR LIYA YA FAJR KI NAMAAZ MEIN DUSRI PAR NAHI BAITHA TEESRI KA SAJDA KAR LIYA TOH IN SAB HAALAAT MEIN FARZ BAATIL HO GAYE YAANI PHIR SE PADHE AUR AGAR QAA'EDA-E-AKHIRA MEIN ITNI DHER BAITHA THA K POORI ATTAHIYYAT PADH LEE YA ATTAHIYYAT PADH LEE THI TOH AISI SURAT MEIN EK RAKA'AT AUR MILA KAR 2 RAKA'AT WAALI KO 4 RAKA'AT AUR 4 RAKA'AT WAALI HAI TOH 6 RAKA'AT KAR LEY AUR SAJDA-E-SAHUW KAR LEY FARZ AADA HO JAYEGA AUR ZAA'ID RAKATE NAFL HO JAYEGI. MAGREEB KI NAMAAZ MEIN BHUL KAR CHOTHI K LIYE KHADA HO GAYA AUR SAJDA BHI KAR LIYA TOH IS SURAT NAMAAZ BAATIL HO GAYI. PHIR SE PADHE.
MASLAK-E-AALA HAZRAT SALAMAT RAHE
EK PEHCHAN DEEN-E-NABIﷺ K LIYE
طالِبِ دُعا:-
جماعت رضا ء مصطفے ﷺ ٰ باندرہ (ممبئی)
Jamat Raza E Mustafa ﷺ Bandra (Mumbai)