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•••हजरत उसमान (रजी अल्लाहु अन्हु) की शहादत•••【Part: 01】



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👉🏻हजरत उसमान की शहादत पोस्ट काफी बड़ा होने के कारन लगभग 4 या 5 मे पार्ट मे आ सकते है।....
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♥इब्न सबा यहुदी की साजीश और मरवान की शरारत से अहले बसरा कुफा और मिस्र वाले हजरत उसमान (रजी अल्लाहु अन्हु) के बेगुनाह खुन से हाथ रंगे बगैर न रह सके।

चुनांचे:-
वह लोग हजारो के तदाद मे बलवा करने आ गये। उस वक्त सहाबाए किराम ने अर्ज किया: या अमीरुल मोमीनीन! आप हमको लड़ाई का हुक्म दिजीए ताकी हम इनको मार भगाये ।



आपने फरमाया की तुमको कसम है अल्लाह की! मेरे लिए किसी मुस्लमान का एक कतरा खुन न गिराना। मै क्यामत के दिन खुदा को क्या जवाब दुंगा??

सहाबाए किराम ने कहा आप मक्का मोअज्जमा चले जाए या मुल्क शाम चले जाये वहां हजरत मुआविया (रजी अल्लाहु अन्हु) है। और उनका लश्कर है:-
आपने फरमाया मै आखरी वक्त मे अपने नबी के मजार को किस तरह छोड़कर चला जाऊं? हां मै मस्जिदे नब्वी चलता हुं और उन लोगो से पुछता हुं की तुम बिले वजह मुझे क्यों कत्ल करना चाहते हो?

ऐ मिस्री! तुम मुझको क्यों कत्ल करते हो। मेरी उम्र थोड़ी सी रह गई है। मै खुद ब खुद इन्तेकाल कर जाऊंगा। कसम खुदा की! जब कभी लोगो ने किसी नबी को नाहक कत्ल किया है तो हजारह आदमी उस नबी के बदले कत्ल हुए। मै खलीफ सय्यदुल मुरसलीन हुं मेरे बदले मे अस्सी हजार कत्ल होंगे । अगर मुस्लमान मेरे कातीलो से बदला न लेंगे तो असमान से अल्लाह तआला पत्थर बरसा कर मेरे कातिलो को हलाक कर देगा। देखो! ऐसा न करना! खुदा की कसम इस वक्त तो तुम मेरी मौत चाहते हो और मेरे कत्ल हो जाने के बाद युं तमन्ना करोगे की काश! उसमान की एक एक सांस एक एक बरस के बराबर का उम्र होता! ।उस वक्त एक बलवाई ने आपके हाथ का असा जो हुजुर ﷺ का तबर्रुक था उसमान (रजी अल्लाहु अन्हु) के हाथ से छीनकर अपने घुटने पर रखकर तोड़ डाला । फौरन उसके घुटने मे एक फोड़ा पैदा हुआ और शाम तक उसका सारा बदन गल गया और वह मर गया।
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इन्शा बाकी का हिकायत (पोस्ट-110) मे.....


√ Post Written By :-
#(मोहम्मद अरमान गौस अंसारी)