☆अल्लाह अपने किस बंदे को फरिश्तो को दिखाता हैं।,
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हदीस : हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर (रजी अल्लाहु अन्हु) ब्यान करते है की-
"एक दिन मगरिब की नमाज के बाद कुछ लोग इशा के नमाज का इंतेजार कर रहे थे,
कि हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) तशरिफ लाये, आप इतनी तेजी के साथ चलकर आए की आपका सांस चढ़ गया था,
*आपने फरमाया--तुम लोगो के लिए बहुत खुशी की बात है की तुम्हारे पालने वाले खुदा ने आसमान का एक दरवाजा खोलकर तुमलोगो को फरिश्तों को दिखाया और बड़ी शान के तौर पर फरमाया--
"देखो मेरे बंदे एक नमाज पढ़ चुके और दुसरी नमाज का इंतेजार कर रहे हैं।"
(इब्ने मजा,)
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☆☆सुब्हान अल्लाह☆☆
✍🏻_________________________________________
√ Post Written By :-
#(मोहम्मद अरमान गौस )
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हदीस : हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर (रजी अल्लाहु अन्हु) ब्यान करते है की-
"एक दिन मगरिब की नमाज के बाद कुछ लोग इशा के नमाज का इंतेजार कर रहे थे,
कि हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) तशरिफ लाये, आप इतनी तेजी के साथ चलकर आए की आपका सांस चढ़ गया था,
*आपने फरमाया--तुम लोगो के लिए बहुत खुशी की बात है की तुम्हारे पालने वाले खुदा ने आसमान का एक दरवाजा खोलकर तुमलोगो को फरिश्तों को दिखाया और बड़ी शान के तौर पर फरमाया--
"देखो मेरे बंदे एक नमाज पढ़ चुके और दुसरी नमाज का इंतेजार कर रहे हैं।"
(इब्ने मजा,)
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☆☆सुब्हान अल्लाह☆☆
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#(मोहम्मद अरमान गौस )